नई दिल्ली, मार्च 24 -- Guru Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती के पूजन का विधान है। मान्यता है कि प्रदोष करने से भगवान शिव की कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। यह मार्च महीने का आखिरी या दूसरा प्रदोष व्रत भी है। जानें मार्च में गुरु प्रदोष व्रत कब है व पूजन का शुभ मुहूर्त- मार्च का आखिरी प्रदोष व्रत कब है: चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 27 मार्च 2025 को सुबह 01 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ होगी और 27 मार्च 2025 को रात 11 बजकर 03 मिनट पर समाप्त ह...