नई दिल्ली, अक्टूबर 18 -- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक मामले के आरोपी की सजा निलंबित कर दी है। वजह है कि उस शख्स की पत्नी की अपील जो उसने अपने पति की रिहाई के लिए लगाई थी। पीड़िता ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा है कि वह अकेली रह रही है और अपने आर्थिक खर्च और जेल में बंद अपने पति के लिए कानूनी लड़ाई का खर्च उठाने के लिए एक नौकरानी के रूप में काम कर रही है। उसने आगे कहा कि निचली अदालत द्वारा उसके पति को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के कारण वह बेहद असहाय स्थिति में आ गई है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में, पीड़िता के पिता की शिकायत पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में दावा किया गया था कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर ले गया था। गिरफ्तारी के बाद, आरोपी व्यक...
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