नई दिल्ली, अगस्त 18 -- पुराणों में अमावस्या श्राद्ध से प्रकार से लेकर इसके महत्व के बारे में बताया गया है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करता, उसकी पूजा भगवान और देवता ग्रहण नहीं करते हैं। इसलिए हमें पितरों के लिए लिए उनका श्राद्ध जरूर कना चाहिए। सभी श्राद्धों में सांवत्सरिकं श्राद्ध सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसे श्राद्धपक्ष में मृत व्यक्ति की तिथि पर करना चाहिए। भविष्यपुराण में सूर्य भगवान ने बताया है कि जो व्यक्ति सांवत्सरिक श्राद्ध भी नहीं करता, उसकी पूजा न मैं ग्रहण करता हू, न विष्णु, ब्रह्मा, रुद्र एवं अन्य देवगण ही ग्रहण करते हैं । इसलिए प्रयलपूर्वक हर साल मृत व्यक्ति की तिथि पर सांवत्सरिकं श्राद्ध करना चाहिए। जो व्यक्ति माता-पिता का वार्षिक श्राद्ध नहीं करता, वह मरने पर नरक को प्राप्त करता है। इस साल 7 सितंब...