नई दिल्ली, सितम्बर 9 -- सनातन धर्म में पितृपक्ष 2025 का बेहद खास महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन 15 दिनों में पितर धरती पर अपने वंशजों को आशीर्वाद देने आते हैं। इन 15 दिनों में लोग अपने पितरों की पूजा करके उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो संतान पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पितरों का स्मरण करती है उनके घर में सुख-समृद्धि, संतान वृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। वहीं इसके विपरीत जो लोग श्राद्ध में बताए गए नियमों की अनदेखी करके कुछ गलतियां कर बैठते हैं तो उनके पितर उनसे नाराज भी हो सकते हैं। माना जाता है कि जब पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती, तो ये आत्माएं पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंश के लोगों को कष्ट देती हैं, जिसे शास्त्रों में पितृदोष कहा जाता है। ऐसे में पितरो...