नई दिल्ली, जुलाई 29 -- इस साल सात सितंबर से श्राद्ध का महीना शुरू हो रहा है। 7 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक पितृपक्ष रहेगा। इसलिए श्राद्ध में हमें अपने पितरों को तृप्त और प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म करना चाहिए। अगर आपके मन में भी यह सवाल आता है कि मरे हुए जीव अपने कर्म के अनुसार शुभ या अशुभ गति को प्राप्त होते हैं, ऐसे में श्राद्धकाल में वे अपने पुत्र के घर कैसे पहुंच जाते हैं, तो इसका जवाब स्कंदपुराण में दिया गया है। स्कंदपुराण में भर्तृयज्ञ ने इस विषय में बताया है कि जो लोग इस लोक में मरते हैं, वो उनमें से कितने ही लोग जन्म ग्रहण करते हैं। कितने ही लोग स्वर्गलोक या कितने ही लोग यमलोक में जाते हैं। यमलोक या स्वर्ग लोक में रहने वाले पितरों को भी तब तक भूख और प्यास होती है, जब वे माता या पिता से तीन पीढ़ियों तक रहते हैं। तब तक वो श्राद...
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