रायपुर, अगस्त 22 -- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पति को बेरोजगार होने का ताना मारना और आर्थिक तंगी के दौर से गुजरते समय अनुचित मांगें करना मानसिक क्रूरता है। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की पीठ ने 18 अगस्त को एक शख्स को तलाक देते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, यह साफ तौर से साबित किया गया है कि पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने और प्रिंसिपल की हाई सैलरी वाली नौकरी लगने बाद, पत्नी का याचिकाकर्ता पति के प्रति व्यवहार काफी बदल गया। वह अपमानजनक हो गई, कोरोना महामारी के दौरान बेरोज़गार होने के लिए पति बार-बार ताना मारने लगी और छोटी-छोटी बातों पर बार-बार झगड़ने लगी। कोर्ट ने कहा, आर्थिक तंगी के समय में ऐसी चीजें मानसिक क्रूरता के समान हैं।" बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने आगे कहा कि पत...