हेमलता कौशिक, सितम्बर 18 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पास यूजीसी अधिनियम 1956 या उसके विनियमों के तहत किसी यूनिवर्सिटी को पीएचडी छात्रों का एडमिशन करने से रोकने की शक्ति नहीं है। न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो यूजीसी को अपने प्रावधानों का कथित रूप से पालन न करने पर किसी यूनिवर्सिटी को पीएचडी छात्रों का एडमिशन करने से रोकने का अधिकार देता हो। पीठ ने सिंघानिया यूनिवर्सिटी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। यूनिवर्सिटी ने यूजीसी के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसे अगले पांच शैक्षणिक वर्षों (2025-26 से 2029-30) के लिए पीएचडी में छात्रों के एडमिशन करने से रोक दिया गया था। यूनिवर्सिटी ने यूजीसी द्वारा जारी सार्व...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.