नई दिल्ली, मार्च 24 -- पापमोचिनी एकादशी इस साल 25 मार्च और 26 मार्च को मनाई जाएगी। इस एकादशी पर व्रत की कथा जरूर पढ़ी जाती है। यहां आप इस व्रत की कथा पढ़ सकते हैं। प्राचीन समय में चैत्ररथ नाम का अति सुंदर वन थाष इस वन में देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं, अप्सराओं और देवताओं के साथ विहार करते थे। इस वन में एत च्यवन ऋषि के बेटे मेधाव नाम के ऋषि भी तपस्या करते थे। ऋषि शिव भक्त थे और अप्सराएं शिवद्रोही कामदेव की अनुचरी थीं। एक समय की बात है कामदेव ने बदले और द्वेष की भावना के तहत ऋषि मेधावी की तपस्या को भंग करना चाहा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कामदेव ने मंजुघोषा नामक अप्सरा को भेजा। उसने अपने नृत्य गान और हावभाव से ऋषि का ध्यान भंग कर दिया। ऋषि अप्सरा पर मोहित हो गए। ऋषि मंजुघोषा के साथ रमण करने लगे और उन्हें दिनरात कोई विचार नहीं रहा। दोनों ...