नई दिल्ली, जुलाई 5 -- कहते हैं कि दूध का जला छाछ भी फूंककर पीता है। लेकिन ये तो आइसक्रीम को फूंक मार-मारकर खाने जैसा हो गया। माना कि लीड्स टेस्ट में 373 रन का लक्ष्य देकर भी टीम इंडिया हार गई थी लेकिन क्या अब जीत के बजाय सारा जोर ड्रॉ पर होना चाहिए। इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर का अति रक्षात्मक रवैया किसी के भी गले नहीं उतर रहा। पारी घोषित करने में इतनी देरी क्यों हुई? हार-जीत होती रहती है लेकिन मजबूत स्थिति में होकर भी जीत की न सोचे, ये क्या बात हुई। ऐसा लगा जैसे जीत टीम इंडिया का लक्ष्य ही नहीं है, सारा जोर इंग्लैंड को जीतने से रोकने पर है। एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में शानदार दोहरा शतक लगाने के बाद कप्तान शुभमन गिल ने दूसरी पारी में भी शतक ठोका। चौथा दिन शुभमन गिल और ऋषभ पंत की आतिशी बल्लेबा...