गुरुग्राम, जुलाई 12 -- पिता के लिए बेटियां क्या होती हैं? ईश्वर की सुकृति,संस्कारों की संस्कृति, कुदरत का वरदान, अहोभाग्य की पहचान, भूमि का उद्विज, शतरूपा का रूप या कहें जीवन का सबसे कीमती उपहार. हिंदू घरों में जब बेटी पैदा होती है तो लोग खुश होकर बताते हैं कि बधाई हो! आपके घर लक्ष्मी हुई है। कहते हैं पिता बेटी के ज्यादा करीब होते हैं,लेकिन इन सबसे परे गुरुग्राम में एक ऐसा पिता जिसे बेटी मानो बोझ लगने लगी थी। न लगती तो यूं अपनी लाडली की जान न ले लेता। टेनिस प्लेयर राधिका यादव के पिता ने अपनी लाडली को इसलिए जान से मार दिया क्योंकि गांववाले उन्हें ताने देते थे। क्या चंद लोगों के ताने राधिका के पिता दीपक यादव पर इतने भारी पड़ गए कि उन्होंने बेटी के सपनों,रिश्तों और आकांक्षाओं को चंद मिनटों में खत्म कर दिया। जिस पिता ने खुद उसे 7 साल की उम्र ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.