ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी, जून 5 -- ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को वर्ष का सबसे कठिन एकादशी व्रत किया जाता है। इसे निर्जला एकादशी व्रत कहा जाता है। इस वर्ष यह अत्यंत प्रभावशाली एवं शुभ फलदायक व्रत 6 जून दिन शुक्रवार को गृहस्थों के लिए होगा। की वैष्णोजन 7 जून को व्रत करेंगे परंतु गृहस्थ लोग 6 जून को ही व्रत करेंगे। वैसे तो ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि का मान 5 जून दिन गुरुवार की रात में 3:13 से आरंभ हो जाएगा। जो 6 जून दिन शुक्रवार को रात में 5:02 तक व्याप्त रहेगी। ऐसी स्थिति में सूर्योदय के साथ ही एकादशी तिथि 6 जून दिन शुक्रवार को प्राप्त हो रहा है। इसी दिन पूर्ण विधि विधान एवं श्रद्धा भाव के साथ निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को भीमसेनी एकादशी व्रत भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि वर्ष भर में अन्य एकादशी व्रत को किसी कारण...