भोपाल, अक्टूबर 24 -- दीवाली का त्योहार मध्य प्रदेश में इस बार कई परिवारों के लिए अंधेरे का सबब बन गया। करीब 300 लोग, जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं, 'कार्बाइड गन' या 'एग्री-कैनन' के इस्तेमाल से आंखों में गंभीर से लेकर मामूली चोटों का शिकार हो गए। ये उपकरण, जो किसानों द्वारा बंदरों और पक्षियों को भगाने के लिए बनाए गए थे, दीवाली की रौनक में खतरनाक साबित हुए। इनमें से 30 लोगों की हालत इतनी नाजुक है कि उनकी आंखों की रोशनी जा सकती है।'खतरनाक खिलौना' बना मुसीबत ये कार्बाइड गन, जो ऑनलाइन 'मंकी रिपेलर गन' के नाम से बिक रही थीं, दीवाली के दौरान पारंपरिक पटाखों का विकल्प बनकर उभरीं। इनमें कैल्शियम कार्बाइड, माचिस की तीलियों का पाउडर और बारूद का मिश्रण होता है। पानी डालने पर यह मिश्रण ऐसीटिलीन गैस बनाता है, जिसके जलने से जोरदार धमाका होता है। इस धम...