नई दिल्ली, अगस्त 23 -- मध्य प्रदेश के उज्जैन में त्रिवेणी नदी पर स्थित 2 हजार साल प्राचीन शनि नवग्रह मंदिर बेहद अद्भुत है। इस मंदिर में सोमवती अमावस्या पर प्रदेशभर से श्रद्धालु स्नान को पहुंचते हैं, और नहान के बाद पनौती मानकर कपड़े जूते-चप्पल सहित कई समान छोड़कर जाते है। मान्यता है इस मंदिर में दर्शन के बाद शनि की साढ़ेसाती, पितृ दोष, कालसर्प योग, अशुभ ग्रह योग सहित अन्य कठिनाइयों से श्रद्धालुओं को मुक्ति मिलती है। बताया जाता है कि उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने 2 हजार साल पहले इसका निर्माण कराया था, यहां पर तीन नदियों शिप्रा, गंडकी और सरस्वती का संगम इस स्थान को पवित्र बनाता है। इसलिए इसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। शनि मंदिर में अमावस्या का अपना महत्व है। यहां श्रद्धालु डुबकी लगाकर मंदिर के दर्शन करते हैं। इसके बाद पनौती के रूप में अपने...
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