नई दिल्ली, जुलाई 2 -- 'तू दूसरी इंसानों जैसी इंसान क्यों नहीं हो सकती।' ये बोल एक डार्क कॉमेडी वाली ड्रामा फिल्म 'सिस्टर मिडनाइट' के हैं। इसमें शादी करके मुंबई शहर आए कपल की हताश जिन्दगी दिखाई गई है। नई दुल्हन उमा का नए शहर में न ढल पाना और फिर जंगली ख्यालों का पैदा होना, जिसे उसको सूनसान रातों में पूरा करते दिखाया गया है। ये हरकतें इतनी अजीबोगरीब होती हैं कि इसे देखकर दर्शकों का दिमाग हिल जाता है। इस फिल्म को करण कंधारी ने लिखा और निर्देशित किया है। फिल्म में उमा की अजीब हरकतें समाज की बनी-बनाईं परंपराओं को सीधा चोट करती हैं, जिसके चलते देखने वाला हैरत में पड़कर सोचने को मजबूर हो जाता है। इसके लिए फिल्म में प्रतीकों (Symbols) का कूट-कूट कर इस्तेमाल हुआ है, जो कि फिल्म की कमजोरी और मजबूती दोनों साबित हुई है। प्रतीकों की बात करें तो- फिल्म...