नई दिल्ली, फरवरी 11 -- Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में व्रत, संयम और सतसंग का कल्पवास करने का विशिष्ट विधान है। इस वर्ष महाकुम्भ में 10 लाख से अधिक लोगों ने विधिपूर्वक कल्पवास किया है। पौराणिक मान्यता है कि माघ मास पर्यंत प्रयागराज में संगम तट पर कल्पवास करने से सहत्र वर्षों के तप का फल मिलता है। महाकुम्भ में कल्पवास करना विशेष फलदायी माना जाता है। परंपरा के अनुसार, 12 फरवरी, माघ पूर्णिमा के दिन कल्पवास की समाप्ति हो रही है। सभी कल्पवासी विधि पूर्वक पूर्णिमा तिथि पर पवित्र संगम में स्नान कर कल्पवास का पारण करेंगे। पूजन और दान के बाद कल्पवासी अपने अस्थाई आवास त्याग कर पुनः अपने घरों की ओर लौटेंगे। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा की तिथि पर पूरा हो रहा है कल्पवास: आस्था और आध्यात्म के महापर्व, महाकुम्भ में कल्पवास करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस व...