वाराणसी, नवम्बर 11 -- मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि पर 12 नवंबर को काशी के भैरव मंदिरों में उनका जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस निमित्त भैरव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। काशी के न्यायाधीश लाटभैरव, कोतवाल कालभैरव, बटुकभैरव, रुरु भैरव, आसभैरव, दंडपाणि भैरव, यक्ष भैरव, उन्मत्त भैरव, भीषण भैरव, संहार भैरव, कोडमदेश्वर भैरव सहित अन्य मंदिरों में विविध अनुष्ठान किए जाएंगे। पं. विकास शास्त्री के अनुसार इस बार भैरव अष्टमी की तिथि पर शुक्ल और ब्रह्म योग एक साथ बनेंगे। शुक्ल योग 12 नवंबर को सूर्योदय काल से आरंभ होकर सुबह 8:02 बजे तक रहेगा। उसके बाद से ब्रह्म योग मध्यरात्रि के बाद तक रहेगा। मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर को रात में 11 बजकर 8 मिनट से होगा। समापन 12 नवंबर को रात 10:58 बजे होगा। भक्तों की भीड़ के प्रमुख कें...