नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- Kaal Bhairav Jayanti 2025: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को कालभैरव का आविर्भाव हुआ था। इस दिन पूजा, मंत्रजप और हवन करने से लाभ मिलता है। इस साल12 नवंबर को कालभैरव जयंती मनाई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन काल भैरव की पूजा से जो अनेक पापों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिवमहापुराण, स्कंदपुराण के अनुसार भगवान भैरव का आविर्भाव मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी को हुआ था। अत: इस दिन कालभैरव की पूजा करनी चाहिए तथा काल भैरव मंदिर में सफेद झंडा भी लगाना चाहिए। अनेक कष्टों से मुक्ति प्रदान करने वाले भैरव ही है जो साक्षात भगवान शिव के ही रूप है। काल भैरव मनुष्य की रक्षा करते हैं। जो भी काल भैरव की पूजा अर्चना करता है, उसके पिछले जन्म और इस जन्म के किए हुए पाप नष्ट हो जाते हैं। अष्टमी तिथि 11 नवंबर की रात 11 बजकर 09 बज...