विशेष संवाददाता, सितम्बर 25 -- झारखंड में वर्ष 2016 से टेट का आयोजन नहीं करने और टेट पास करने वालों की वैधता आजीवन करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए गुरुवार को शिक्षा सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने हरिकेष महतो और 400 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। अदालत ने सचिव को यह बताने को कहा है कि टेट का आयोजन कब किया जाएगा। याचिका दायर करने वाले प्रार्थी सीटेट पास हैं। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति में सिर्फ जेटेट पास करने वालों को ही योग्य माना है और सीटेट और झारखंड के वैसे अभ्यर्थी जो दूसरे राज्य से टेट पास हैं, उन्हें अयोग्य माना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने नियमावली में संशोधन किया और जेटेट को अनिवार्य कर दिया। नियमावली में कहा ...