विशेष संवाददाता, सितम्बर 16 -- झारखंड हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अपने आदेश में कहा कि जेपीएससीऔर जेएसएससी की नियुक्तियों में विज्ञापन की तिथि के बाद के जाति प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे और आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। वैसे अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी के माने जाएंगे। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने इसे लेकर दायर 44 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। पूर्णपीठ ने 21 अगस्त को इस पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रामकुमार गिजरोया मामले में दिया गया आदेश सभी मामलों पर लागू नहीं होगा। राज्य सरकार, जेपीएससी और जेएसएससी को प्रमाणपत्र का फॉर्मेट तय करने का अधिकार है। अदालत ने सभी याचिकाओं को संबंधित बेंच ...