गया जी, सितम्बर 14 -- संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि को लेकर माताओं ने शनिवार को नहाय-खाय के साथ जिउतिया (जीवित पुत्रिका व्रत) शुरू किया। सुबह नदी-तालाब, पोखर आदि में स्नान किया। घाट पर ही इस व्रत के विधान के अनुसार पूजा-अर्चना की। सूर्यकुंड में महिलाओं ने स्नान कर आराधना की। रविवार को दिन भर उपवास रखकर शाम (प्रदोष काल) में व्रती श्रद्धा के साथ पारंपरिक तरीके से राजा जीमूत वाहन की पूजा कर संतान की सुख-समृद्धि के साथ लंबी आयु की कामना करेंगी। इसके बाद कथा सुनेगी। सोमवार की सुबह पारण के साथ पूजा संपन्न होगी। यह भी पढ़ें- आज जितिया व्रत, कथा हिंदी में पढ़ें, राजा जीमूतवाहन, सियारिन दोनों की कथाकल सुबह 6.30 बजे के बाद ही करें पारण आचार्य नवीन चंद्र मिश्र वैदिक ने बताया कि अष्टमी तिथि 14 सितंबर से शुरू होकर 15 सितंबर की सुबह तक है। अन्नपूर्ण...