नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- भारत की इंजीनियरिंग की दुनिया में एक पुरानी जद्दोजहद नए मोड़ पर पहुंच गई है कि आखिर कौन-सा आईआईटी लड़कियों की पहली पसंद बनकर उभर रहा है? इंटरव्यू रूम से लेकर लैब्स तक, दशकों तक इन संस्थानों में लड़कियों की मौजूदगी बेहद सीमित रही थी। हालात ऐसे थे कि 2018 में पहली बार सुपरन्यूमेरी सीट्स जोड़ना पड़ा जिसका मतलब सिर्फ महिला विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त सीटें देना था। यह कदम इसलिए लिया गया ताकि तकनीकी शिक्षा के इन प्रतिष्ठित गलियारों में लैंगिक संतुलन बहाल हो सके। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो आज तस्वीर बदल रही है। जेईई एडवांस पास करने वाली लड़कियों की संख्या में कभी देखी गई गिरावट अब सुधार की तरफ बढ़ रही है। देशभर के आईआईटी में यह मिशन चल रहा है कि लड़कियों की भागीदारी सिर्फ बढ़े ही नहीं, बल्कि टिकाऊ भी बने। ...
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