सद्गुरु, मार्च 11 -- सृष्टि महज एक खेल है- राग और रंगों का। फाल्गुन के महीने में यह खेल अपने चरम पर होता है, प्रकृति के मनोहारी व लुभावने रूप को निहार कर जीवों के भीतर राग हिलोरें लेने लगता है। ये भीतर की हिलोरें, जब बाहर प्रकट होती हैं तो उत्सव का रूप ले लेती हैं और रंगों का पर्व होली मनाया जाता है। रंगों में तीन रंग सबसे प्रमुख हैं- लाल, हरा और नीला। इस जगत में मौजूद बाकी सारे रंग इन्हीं तीन रंगों से पैदा किए जा सकते हैं। जो रंग सबसे ज्यादा आपका ध्यान अपनी ओर खींचता है- वह है लाल रंग, क्योंकि सबसे ज्यादा चमकीला लाल रंग ही है। मानवीय चेतना में अधिकतम कंपन लाल रंग ही पैदा करता है। जोश और उल्लास का रंग लाल ही है। आप कैसे भी व्यक्ति हों, लेकिन अगर आप लाल कपड़े पहनकर आते हैं तो लोगों को यही लगेगा कि आप जोश से भरपूर हैं, भले ही आप हकीकत में ऐ...