नई दिल्ली, सितम्बर 20 -- Trump H1B visa fee: एच-1बी वीजा आवेदकों पर 1 लाख अमेरिकी डॉलर का भारी वार्षिक शुल्क लगाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले से कंपनियों के नए आवेदन कम होंगे। इसके अलावा आने वाले महीनों में अमेरिका में आउटसोर्सिंग बढ़ सकती है। वहीं, अमेरिका के इस फैसले से कंपनियां भारत की ओर रुख कर सकती हैं।क्या कहना है इंफोसिस के सीएफओ का इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मोहनदास पई ने इस धारणा को खारिज किया कि कंपनियां अमेरिका में सस्ते श्रम भेजने के लिए एच-1बी वीजा का इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष 20 एच-1बी नियोक्ताओं द्वारा दिया जाने वाला औसत वेतन एक लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कथन को बेतुकी बयानबाजी करार दिया।भारत के लिए फायदेमंद? नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.