नई दिल्ली, जून 16 -- Atichari Guru: धन और ज्ञान के कारक हैं देवगुरु बृहस्पति। अभी गुरु अतिचारी चाल चल रहे हैं। गुरु की अतिचारी चाल क्या होती है। ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में 12 से 13 महीने का समय लगता है, लेकिन जब बृहस्पति की गति बढ़ती है, तो यह कम समय में ही राशि बदल लेता है। गुरु को ज्योतिष में धन, ज्ञान, सौभाग्य, संतान का कारक माना जाता हैष लेकिन जब इसकी चाल बढ़ जाती है, यानी गुरु जल्दी-जल्दी गोचर करते हैं, तो इसे अतिचारी कहते हैं, जिसके कई गंभीर परिणाम होते हैं। इसससे गुरु की शुभता में कमी देखने को मिलती है। इस लिए इस समय में हमें कभी भी बड़े फैसले लेने से बचना चाहिए? ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के युद्धके समय में भी गुरु अतिचारी थे। गुरु अतिचारी होने के साथ अभी अस्त भी हैं, ऐसे में गुरु की शुभ...
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