ज्योतिर्विद डॉ दिवाकर त्रिपाठी, जून 10 -- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 जून को सायंकाल 6:40 बजे के बाद देवगुरु बृहस्पति वृद्धत्व दोष में आ जाएंगे जो 7 जुलाई 2025 को दिन में 3:00 बजे पूर्व दिशा में उदित होंगे। अर्थात 11 जून से 7 जुलाई 2025 तक देवगुरु बृहस्पति अस्त अवस्था में रहेंगे । ऐसी स्थिति में 11 जून से लेकर 3 जुलाई तक विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्त बंद हो जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के दृष्टि से देखा जाए तो जब कोई ग्रह अपनी अस्त अवस्था में होता है तो उसके प्रभाव एवं क्षमता में कमी आ जाती है अर्थात शुभता अथवा और अशुभभता के प्रभाव में कमी देखने को मिलती है। वर्तमान में गुरु मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं। मिथुन राशि में देवगुरु बृहस्पति के साथ बुध का भी गोचर हो रहा है। मिथुन राशि में बुध स्वगृही स्थिति में होगा जिससे भद्रा ना...