नई दिल्ली, नवम्बर 21 -- मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के अगले दिन मोक्षदा एकादशी पड़ती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और लक्ष्मी-नारायण की पूजा करते हैं। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, द्वापर युग में इसी दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए हर साल इस एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर श्रीकृष्ण की विशेष पूजा और गीता पाठ किया जाता है।गीता जयंती 2025: तिथि और मुहूर्त एकादशी तिथि शुरू: 30 नवंबर, रात 09:29 बजे एकादशी तिथि समाप्त: 1 दिसंबर, शाम 07:01 बजे उदया तिथि को मानने की परंपरा है, इसलिए गीता जयंती सोमवार, 1 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। गीता जयंती पर शिववास योग- इस योग में भ...