नई दिल्ली, जून 4 -- गंगा जी शिवजी की जटाओं से निकलती हैं।दरअसल भगीरथ ने इस दिन गंगा को अपनी तपस्या से कमंडल से छोड़ा और शिवजी ने अपनी जटाओं में गंगा को स्थान दिया। इसलिए इस दिन पर मां गंगा और भगवान शिव की पूजा खासतौर पर करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से जाने-अनजाने में हुए कष्टों से छुटकारा मिलता है। शिवजी की पूजा के लिए इस दिन भगवान शंकर का गंगाजल से स्नान कराना चाहिए। भोलेनाथ को गंगा जल और दूध से स्नान कराकर भगवान को बेलपत्र, फूल और काले तिल अर्पित करने चाहिए। भगवान को फल अर्पित करने के साथ गंगा मां और मां गौरी के लिए वस्त्र और सुहाग का सामान अर्पित करना चाहिए। पूजा के बाद भगवान शिव के आसपास 11 घी के दिए जलाने चाहिए। और भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। यह भी पढ़ें- Ganga Dussehra 20...
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