नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- Dwadashi shradh 2025 timing: पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि में उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, जिनका निधन द्वादशी तिथि में हुआ हो। शास्त्रों के अनुसार, जो लोग मृत्यु से पूर्व सन्यास ग्रहण कर लेते हैं, उनके श्राद्ध के लिए भी द्वादशी तिथि उपयुक्त मानी जाती है। मान्यता है कि इस तिथि पर श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। श्राद्ध को करने के लिए कुतुप व रौहिण आदि शुभ मुहूर्त माने गए हैं। कहते हैं कि अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध संबंधी कर्म संपन्न लेने चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है। जानें द्वादशी तिथि में श्राद्ध करने का उत्तम मुहूर्त। द्वादशी तिथि कब से कब तक: द्रिक पंचांग के अनुसार, द्वादशी तिथि 17 सितंबर को रात 11 बजकर 39 मिनट से 18 सितंबर को रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में द्व...