नई दिल्ली, सितम्बर 30 -- अभी शारदीय नवरात्रि चल रही है और कल इसका समापन है। इसके बाद पूरे देश में विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। बुराई पर अच्छाई की जीत वाले इस पर्व का अपना अलग महत्व है। इस खास मौके पर रावण के साथ-साथ मेघनाद और कुंभकरण का पुतला जलाया जाता है। इस पर्व को भगवान राम के विजय के रूप में मनाते हैं। बता दें कि हर साल अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के हिसाब से इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। वहीं मां दुर्गा ने इसी दौरान असुर महिषासुर का नामोनिशान मिटाकर देवताओं को विजय दिलाने का काम किया था। इस दिन को इसी वजह से बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस खास दिन को लोग अपनों के साथ मनाते हैं। रामलीला जाकर रावण दहन देखना इस बात का एहसास दिलाता है कि बुराई ज...