नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- टना में मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अलग-अलग पद्धतियों से हो रही है। मां की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए बांग्ला, सनातन और तांत्रिक पद्धति से मां का पूजन श्रद्धालु कर रहे हैं। शारदीय नवरात्र में सुबह से लेकर देर रात तक घरों, मंदिरों और पंडालों में देवी मां के मंत्र गूंज रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पीके युग बताते हैं कि अलग-अलग पूजा पद्धतियों में मां की आरती से लेकर भोग प्रसाद तक में अंतर दिखता है। वैदिक रीति से पूजा करने वाले श्रद्धालु कलश पर नारियल रखते हैं। वहीं तांत्रिक विधि से पूजा करने वाले भक्त कलश पर दीपक जलाकर दस महाविद्याओं (मां बागलामुखी, त्रिपुर सुंदरी, काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्तिका, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, मातंगी और कमला) की पूजा करते हैं। कलश की जगह होती है प्रतिमा : बांग...