वाराणसी, अक्टूबर 20 -- कार्तिक अमावस्या की रात में की जाने वाली श्यामा पूजा, जिसे 'महानिषी' पूजा भी कहते हैं, का विधान कालरात्रि में 20 अक्तूबर को किया जाएगा। कोलकाता में दक्षिणेश्वरी काली मंदिर तो काशी के देवनाथपुरा स्थित शवशिवा काली मंदिर भक्तों की आस्था का मुख्य केंद्र बनेगा। मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर मां काली की पूजा से भय खत्म होता है। रोगों से मुक्ति मिती है। शत्रु का नाश होता है। अमावस्या की रात तांत्रिक और नकारात्मक शक्तियों को जागृत करने वाली भी है। इस रात्रि में उत्पन्न नकारात्मक शक्तियों का नाश सिर्फ काली ही कर सकती हैं। काशी के शवशिवा काली मंदिर के विग्रह में अद्भुत दर्शन प्राप्त होता है। आगे से शव के ऊपर शिव और शिव के ऊपर काली के दर्शन होते हैं। पीछे से देखने पर सिर्फ शिवलिंग के दर्शन होते हैं। इस मंदिर की स्थापना 1789 म...