नई दिल्ली, अक्टूबर 30 -- नारदजी ने ब्रह्माजी से कहा कि कार्तिक शुक्ल पक्ष में कौन सी एकादशी आतीहै, जिसमें भगवान गोविन्द को जागते हैं। ब्रह्माजी बोले-मुनिश्रेष्ठ, उसे प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। प्रबोधिनी एकादशी के दिन प्रबोधिनी एकादशी का महात्मय व्रत में जरूर पढ़ना चाहिए। इससे पापों का नाश होता है और पुण्य की वुद्धि होती है और उत्तम बुद्धि वाले पुरुषों को मोक्ष मिलता है। इसे देवउठनी एकादशी भी कहते हैं, इस दिन अगर जो उपवास रखते हैं, उन्हें हजार अश्वमेध और100 यज्ञों का फल मिलता है।तब ब्राह्माजी बोले- जो भी मनुष्य भक्तिपूर्वक उपवास करता है-हरिबोधिनी एकादशी उसे ऐश्वर्य, सम्पत्ति, उत्तम बुद्धि, राज्य और सुध देती है।आपने जो भी बड़े-बड़े पाप पहले के हजारों जन्मों में किए हैं, उन सबको यह एकादशी खत्म कर देती है। जो लोग इस एकादशी का मन से ध्यान करते...