नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- Dev Deepawali: भगवान शिव की नगरी काशी में हर तरफ देवदीपावली की रौनक नजर आने लगी है। कल यानी पांच नवंबर को शाम होते ही पूरी काशी अलौकिक रोशनी से जगमगा उठेगी। अर्धचंद्राकार गंगा घाट से लेकर तालाब, कुंडों पर दीयों की लड़ियां अलग ही आकर्षण पैदा करती दिखाई देंगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन होने वाले इस देवदीपावली के पर्व का वर्णन वैसे तो पुराणों में भी मिलता है लेकिन आज पूरी दुनिया में यह जिस रूप में दिखाई देता है उसकी शुरुआत काशी से ही हुई थी। दान में मिले दो कनस्टर तेल से इसकी शुरुआत यहां के पचगंगा घाट से हुई। इसके बाद काशी नरेश के सहयोग से पांच युवकों के उत्साह ने इसे विश्व विख्यात पर्व बना दिया। देवदीपावली का अर्थ है 'देवताओं की दीपावली' है। मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर उतरते हैं और काशी के गंगा घाटों पर दीप जला...