ज्योतिर्विद डॉ पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, मार्च 18 -- वासंतिक नवरात्र में गज अर्थात हाथी पर सवार होकर आएंगी तथा महिष अर्थात भैंसे पर सवार होकर जाएंगी आदिशक्ति माता ज्योतिर्विद डॉ पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार वासंतिक नवरात्र के साथ साथ ही साथ हिंदू नव वर्ष का आरंभ भी होता है। नवरात्र के साथ कालयुक्त नामक नव संवत्सर का भी आरंभ 30 मार्च को होगा। कालयुक्त नामक नव संवत्सर के राजा एवं मंत्री सूर्यदेव होंगे। वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ 30 मार्च 2025 दिन रविवार को तथा समापन 6 अप्रैल दिन रविवार को होगा।किस तिथि का हो रहा क्षय पंचमी तिथि की क्षय होने के कारण नवरात्र इस बार 9 दिनों की जगह 8 दिनो का ही होगा। चैत्र माह में पड़ने के कारण इस नवरात्र को चैत्र कहा जाता है। चैत्र नवरात्र के अतिरिक्त इसे वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता हैं। इस बार ...