ग्रेटर नोएडा, अगस्त 14 -- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूमि अर्जन, परिसम्पत्तियों के मूल्य निर्धारण और आवंटन में पारदर्शिता का अभाव रहा। जमीन के आवंटन में कमियां भी पाई गईं। इससे राजकोष को 13,362 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई। यह खुलासा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भूमि अर्जन एवं परिसम्पत्तियां के आवंटन संबंधी यह रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा में रखी गई।अधिकारियों के स्तर पर विफलताएं यह रिपोर्ट वर्ष 2005-6 से 2017-18 के दौरान भूमि अर्जन तथा औद्योगिक, बिल्डर, ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक, स्पोर्ट्स सिटी, संस्थागत एवं आईटी एवं फार्म हाउस भू-उपयोग श्रेणी के अन्तर्गत परिसम्पत्तियों के आवंटन के लिए निर्णयों और उसके असर पर आधारित है। प्राधिकरण के बोर्ड, उसके प्रबंधन एवं अधिकारियों के स्तर...