नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ग्रीन टेक्नोलॉजी और रेपिड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में इंजीनियरिंग की फील्ड तेजी से बदल रही है। अब केवल तकनीकी ज्ञान या प्रोग्रामिंग स्किल्स ही नहीं, बल्कि आने वाले इंजीनियरों को सिस्टम थिंकर, एथिकल डिजाइनर और इंटरडिसिप्लिनेरी कोलेबोरेटर्स के रूप में खुद को बदलना होगा। एआई से शुरुआती लेवल की इंजीनयरिंग जॉब्स खत्म हो रही हैं। अब सवाल है कि 2023 तक यानी 5 साल बाद किस तरह के इंजीनियरों की डिमांड रहेगी, क्या स्किल्स चाहिए होंगी, एक दो साल में जो विद्यार्थी बीटेक में दाखिला लेंगे या जो ले रहे हैं, चार साल की डिग्री पाने के बाद उनसे किस तरह की स्किल्स होने की उम्मीद की जाएगी।एआई, ऑटेमेशन और नया इंजीनियरिंग कोर शूलिनी विश्वविद्यालय की ट्रस्टी और निदेशक निष्ठा शुक्ला आनंद कहती हैं कि अब ह...