उरई, फरवरी 13 -- उरई, संवाददाता हम बुंदेली बेटियां हैं जो रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती, दुर्गा-काली को आदर्श मानती हैं और हमें कल्पना चावला, पीटी ऊषा, सानिया मिर्जा, मिताली राज रोमांचित करती हैं, लेकिन इनसे मिलने वाली प्रेरणा और रोमांच हम पर होने वाले कमेंट और फब्तियों के आगे मंद पड़ जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने के लिए हमारे लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं है। टेंपो से जैसे-तैसे कॉलेज आते हैं। शिक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव से दो चार होना पड़ रहा है। उरई में कॉलेजों में पढ़ने के लिए दूर दराज से आने वाली छात्राओं को रोज शोहदों के कमेंट और फब्तियों का सामाना करना पड़ता है। छात्रा अग्रिमा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से शहर आने के लिए हमारे लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी ...