वार्ता, अक्टूबर 12 -- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत मध्य प्रदेश में पहली बार फांसी की सजा सुनाई गई है। खंडवा की द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी की अदालत ने जादू-टोने के शक में कुल्हाड़ी से पड़ोसी की हत्या करने के मामले में यह सजा सुनाई है। अदालत ने चंपालाल उर्फ नंदू पिता जालम मेहर, निवासी ग्राम छनेरा, थाना पंधाना को धारा 103(1) के तहत फांसी की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल ने पैरवी की। मामले की विवेचना सब इंस्पेक्टर रामप्रकाश यादव और चौकी प्रभारी बोरगांव द्वारा की गई। मामला 12 दिसंबर 2024 की रात का है। आरोपी चंपालाल ने जादू-टोने के शक में अपने पड़ोसी रामनाथ बिलोटिया की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। मृतक की पत्नी शांतिबाई की शिकायत पर थाना पंधाना में केस दर्ज कर...