नई दिल्ली, अगस्त 22 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के राजनीतिक दलों को मतदाता सूची से बाहर रह गए लोगों को दावे और आपत्तियां दर्ज कराने में मदद करने में निष्क्रियता के लिए फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी चुनाव आयोग के उस बयान के बाद आई है जिसमें चुनाव आयोग ने कहा था कि जनता की आलोचना के बावजूद किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं कराई है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कर रहा है। उसने कहा था कि किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने सार्वजनिक आलोचना के बावजूद कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सीधे तौर पर राजनीतिक दलों को फटकार लगाई कि जब लाखों मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से हटा दिए गए हैं तो वे अपनी आपत्ति या शिकायत दर्ज क्यों नही...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.