हिन्दुस्तान ब्यूरो, नवम्बर 2 -- सियासी दलों के दावे भले ही बड़े-बड़े हों, लेकिन जातीय समीकरण साधने में सब आगे हैं। चुनाव में जीत सुनिश्चित करने को दलों ने उम्मीदवारों के चयन में जातिगत समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। आबादी की बहुलता, सामाजिक समीकरण और जीत की गारंटी को ध्यान में रखते हुए राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और इंडिया ने ही एक ही जाति के लड़ाकों को चुनावी मैदान में उतारा है। 36 से अधिक सीटों पर ऐसी स्थिति है कि दोनों गठबंधनों में से किसी की भी जीत होगी, विधायक एक ही जाति के चुनकर सदन में पहुंचेंगे। औराई में भाजपा की रमा निषाद और वीआईपी के भोगेंद्र सहनी, दोनों निषाद हैं। फुलपरास में जदयू की शीला मंडल और कांग्रेस के सुबोध मंडल एक ही जाति धानुक से हैं। वहीं कई सीटों पर दोनों गठबंधनों ने अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतारे हैं। आरक्षित सीटों...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.