नई दिल्ली, जून 25 -- आषाढ़ अमावस्या के दिन पूर्वजों को याद किया जाता है और उनके लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। अमावस्या तिथि एक दिन पहले ही लग गई है। मंगलवार शाम 06 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो गई है और 25 जून बुधवार शाम 04 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में इस दिन कई योग होने के कारण यह और भी खास है। इस दिन कुछ उपाय करने चाहिए। कौन सा बन रहा है योग सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि 25 जून को होगी इसलिए स्नान दान भी इसी दिन शुभ होंगे। इस दिन गजकेसरी योग बन रहा है, जो बहुत खास माना जाता है। 24 जून से 27 जून 2025 तक गजकेसरी राजयोगबन रहा है। यह कुंडली में बनने वाले सभी धन योगों में सबसे बड़ा और खास माना जा...
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