नई दिल्ली, मार्च 14 -- अनुपमा 14 मार्च: गृहप्रवेश के बाद मोटी बा, राही को अपने साथ अपने कमरे में लेकर जाएंगी। मोटी बा कहेंगी, 'ये अच्छी बात है कि ये शादी हो गई। इतनी रुकावटे आईं फिर भी हो गई। हमे तो हर बार लगता था कि अब सब ठीक होगा। कोई गड़बड़ नहीं होगी, लेकिन तुम मां-बेटी तो दही का रायता बनाने में लगी हुई थीं। वो कहते हैं न अंत भला तो सब भला, लेकिन क्या सच में अंत भला हो गया?' मोटी बा आगे कहेंगी, 'फेरों से पहले सबके सामने कोठारी परिवार के दामाद का अपमान हुआ। नहीं होना चाहिए था। तुम्हारी मां अगर हमे अपना समझती तो हमारे जमाई जी का अपमान नहीं करती। एक ही परिवार में एक-दूसरे पर ऊंगली उठाएंगे तो परिवार नहीं चलेंगे।' राही कहेगी, 'जी! परिवार में किसी पर ऊंगली उठाना गलत बाद है तो क्या परिवार में किसी पर बुरी नजर डालना ये सही बात है? आप नई बहू को स...