नई दिल्ली, अप्रैल 24 -- Akshaya Tritiya 2025: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को युगादि पर्व का दर्जा प्राप्त है। इस दिन जप, तप, दान और पूजा का अक्षय पुण्यफल मिलता है। इस बार यह पावन तिथि 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि का आगमन 29 अप्रैल को शाम 5:29 पर होगा, जो 30 अप्रैल की दोपहर 2:12 तक विद्यमान रहेगी। लेकिन इस बार भगवान परशुराम का जन्म दिवस 29 अप्रैल को प्रथम याम व्यापिनी तृतीया में मनाया जाएगा। ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि इस दिन सूर्य, मेष और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। सर्वार्थसिद्धि योग, रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुर्थी युक्त तृतीया और बुधवार का संयोग इसे विशेष बना रहा है। अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम, हयग्रीव के प्राकट्य दिवस, मां गंगा के अवतरण और सुदामा-कृष्ण मिलन की स्मृति में भी मनाया जाता है। बताया की इस दिन...
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