नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना की जाती है। इस दिन कलश स्थापना से नवरात्र की शुरुआत होती है। कलश स्थापना के साथ मां की अखंड ज्योत और देवी की मूर्ति या चित्र को स्नान करवाकर नए वस्त्र धारण करवाएं। यदि आप अलग से देवी बिठा रहे हैं, तो ठीक है, नहीं तो उसी मंदिर में देवी को बीच में रखें। मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप देवी का चित्र या मूर्ति जो ले रहे हैं, उसमें शेर का मुंह खुला हुआ नहीं हो। नित्य देवी के चारों ओर गुलाब के फूल चढ़ाएं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा में कलश के साथ अखंड ज्योत जलाना चाहिए। इसके अलावा संकल्प की पूर्ति के बाद अखंड ज्योत जलाना चाहिए। यहां पढ़ें अगर अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो किन बातों को मानें यह भी पढ़ें- नवरात्रि दस दिन के, आज घटस्थापना के 3 मुहूर्त, नियम और ...
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