नई दिल्ली, अक्टूबर 13 -- Ahoi ashtami vrat niyam in hindi: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत और पर्व मनाया जाता है। संध्या काल होने पर व्रती माताएं अहोई अष्टमी माता की पूजा कर तारों का दर्शन कर जल का अर्घ्य देती हैं, तभी व्रत का पूरा होता है। अहोई अष्टमी के व्रत में संध्याकाल व्यापिनी अष्टमी तिथि को लिया जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की संध्याकाल व्यापिनी अष्टमी 13 अक्टूबर को है। अष्टमी तिथि 13 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 14 की सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। यहां जानें इस व्रत को रखने के कुछ नियम हैं- अहोई अष्टमी के दिन चांदी की अहोई की माला स्याऊ जिसमें बनी होती है, पहनी जाती है। इसके लिए चांदी के दो मनके इसमें हर साल डलवाते हैं। बिना इस माला और हर साल मोती डलवाना इस व्रत में अनिवार्य है, इस माला के ब...