नई दिल्ली, मई 23 -- गर्मी आई नहीं कि प्लानिंग शुरू - "इस बार क्या करेंगे? नया कूलर लेंगे या पुराने को ठीक करवाएंगे?" "बिजली का बिल आएगा या चैन की नींद आएगी?" और यहीं से शुरू होती है वह 'हवाओं की खोज', जिसमें हर घर एक सवाल पूछता है - इस बार कौन होगा हमारी गर्मी का साथी? भारत की बदलती गर्मियां अब सिर्फ मौसम नहीं रहीं - वे रणनीति बन चुकी हैं। और इस रणनीति में एक नाम लगातार चर्चा में है: कूलर। क्या आप जानते हैं कि बीते दो सालों में शहरी और ग्रामीण भारत में कूलर की मांग 40% तक बढ़ी है? और इसका कारण सिर्फ गर्मी नहीं - बल्कि लोगों की बदलती सोच, बजट प्लानिंग और टेक्नोलॉजी के प्रति समझदारी है। आइए, देखें कि कैसे कूलर अब एक विकल्प नहीं, बल्कि एक रणनीतिक फ़ैसला बन चुका है - जिससे बदल रही है गर्मियों की पूरी स्क्रिप्ट। 1. शहर से गांव तक - हर कोना बना...