अलीगढ़, अगस्त 11 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। एम्स (दिल्ली) में रविवार को आयोजित राष्ट्रीय बाल एंडोक्राइम समिट में अलीगढ़ इकाई के आईएपी अध्यक्ष डॉ. विकास मेहरोत्रा में डायबिटीज के आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत में टाइप व डायबिटीज से ग्रसित बच्चों की संख्या 8.70 लाख है। बिना उपचार और बीमारी का पता न लगने से बच्चे दम तोड़ देते हैं। इससे पीड़ित बच्चों के शरीर में इन्सुलिन की मात्रा नहीं होती है। हर दिन इन्सुलिन के इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। बिना किसी ठोस राष्ट्रीय नीति के कारण इंसुलिन पंप, सीजीएमएस, दवाएं न तो किसी इंश्योरेंस कंपनी क्लेम में देती है और न ही सरकार की ओर से कोई सुविधा मिलती है। पिछले कुछ वर्ष से जागरूकता के कारण सीबीएसई और एनटीए ने टाइप वन के बच्चों को विभिन्न बोर्ड व प्रतियोगी परीक्षा में इन्सुलिन पंप, खानपान की वस्त...