नई दिल्ली, मई 1 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति से उसकी 8 साल की बेटी की अंतरिम कस्टडी यह कहते हुए छीन ली कि उसके पास अपनी बेटी को न तो घर का बना खाना देने की व्यवस्था है और न ही कोई ऐसा पारिवारिक माहौल, जिसमें बच्ची मानसिक व भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करे। यह मामला केरल हाईकोर्ट के एक आदेश से जुड़ा है, जिसमें पिता को हर महीने 15 दिन बेटी की कस्टडी दी गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने बच्ची से बातचीत के बाद पाया कि वह अपने पिता के घर पर न तो घर का खाना खा पा रही थी, न ही तीन साल के छोटे भाई का साथ उसे मिल पा रहा था, और न ही वहां कोई दूसरा सदस्य था जिससे वह घुल-मिल सके। इस पीठ में जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता शामिल थे।पिता सिंगापुर में कार्यरत, बेटी के लिए त्रिवेंद्रम में किराए का घर लिया पिता सिं...