गुमला, अगस्त 14 -- गुमला, प्रतिनिधि। आजादी के 78 साल बाद भी गुमला के बुजुर्गों की आंखों में 15 अगस्त 1947 का जश्न आज भी ताजा है। उस दिन की सुबह जब पहली बार तिरंगा गुमला अनुमंडल मुख्यालय के कचहरी मैदान में लहराया, तो लोगों के दिलों में जोश और गर्व का सैलाब उमड़ पड़ा। उस ऐतिहासिक क्षण के प्रत्यक्षदर्शी 95 वर्षीय अखौरी निरंजन कृष्णा उर्फ नीरू बाबू आज भी उत्साह से बताते हैं। तब मेरी उम्र करीब 16-17 साल थी। तात्कालिक एसडीओ डब्लूजीआर आर्चर ने ध्वजारोहण किया और भारत माता की जय के नारों से पूरा मैदान गूंज उठा। 1947 में गुमला तब रांची जिले के अधीनस्थ अनुमंडल था। रायडीह, पालकोट, घाघरा समेत आसपास के क्षेत्रों से लोग जुलूस निकालकर कचहरी मैदान पहुंचे। सिसई और घाघरा के चपका से बड़ी संख्या में टाना भगत समुदाय के लोग भी गांधी टोपी, खादी के कपड़ों और हाथो...