पटना, जुलाई 29 -- बिहार सरकार ने नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) यानी कैग की रिपोर्ट में 70 हजार करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र को लेकर चल रही आशंकाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। सरकार ने इसे घोटाला मानने से इनकार कर दिया है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि यह कोई गबन या वित्तीय गड़बड़ी का मामला नहीं है। यह अकाउंटिंग की सामान्य प्रक्रिया है जो सभी राज्यों में लागू होती है। विभाग के अनुसार बिहार विधान मंडल में पिछले दिनों प्रस्तुत हुई इस रिपोर्ट को अब पब्लिक अकाउंट कमिटी को भेजा जाएगा। इस कमेटी के समक्ष वित्त सहित संबंधित विभागों के लोग अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद अंतिम प्रतिवेदन सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा और सरकार उस पर एक्शन लेगी। प्रधान सचिव ने बताया कि पिछले पांच सालों में इस बार सबसे...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.